Rose day special shayri | Rose day 2021 |
1. मेरी दीवानगी की कोई हद नहीं,
तेरी सूरत के सिवा मुझे कुछ याद नहीं,
मैं गुलाब हूँ तेरे गुलशन का,
तेरे सिवाए मुझपर किसी का हक़ नहीं।
2. बड़े ही चुपके से भेजा था,
मेरे मेहबूब ने मुझे एक गुलाब,
कम्भख्त उसकी खुशबू ने,
सारे शहर में हंगामा कर दिया।
3. किसने कहा पगली तुझसे कि,
हम तेरी खूबसूरती पर मरते हैं,
हम तो तेरी गुलाबी आँखों पर मरते हैं,
जिस अदा से तू हमें देखती है।
4. आप मिलते नहीं रोज रोज,
आपकी याद आती हैं हर रोज,
हमने भेजा हैं रेड रोज,
जो आपको हमारी याद दिलाएगा हर रोज।
5. मेरे आंसुओं में तू ही छुपी रहती हैं,
रोज आंखों से तू ही तो बरसती हैं,
किसी गुलाब की बेटी है तू शायद,
इसलिए मुरझाकर भी महकती हैं।
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