Shayari for mahashivratri | Mahakal shayri |

🚩JAI BABA MAHAKAL🚩 



1. मेरी हैसियत से ज्यादा मेरे थाली में तूने परोसा है, तु लाख मुश्किलें भी दे दे मालिक, मुझे तुझपे भरोसा है ।।
🙏हर हर महादेव🙏

2. घनघोर अँधेरा ओढ़ के मैं जन जीवन से दूर हूँ,
श्मशान में हूँ नाचता मैं मृत्यु का ग़ुरूर हूँ..!! 
3. लोग बेताब थे मिलने को मंदिर के पूजारी से, हम दुआ लेकर आ गये बाहर बैठे भिखारी से जय महाकाल


4. मै भी पागल, तु भी पागल, पागल ये संसार...
दौलत,शोहरत झुठी सारी, सच्चा #महाकाल दरबार...


5. अपन की तो बस इतनी सी कहानी है,
बालक है हम उसके, जिसकी दुनिया दिवानी है…


6. खुशबु आ रही है कहीं से गांजे और भांग की,
शायद खिड़की खुली रह गयी है
 मेरे #महाकाल के दरबार की !!

7. भाई फना होने की इज़ाजत ली नहीं जाती,
ये महादेव की मोहब्बत है जनाब पूछ के की
नहीं जाती!!


8. ना गिनकर देता है, ना तोलकर देता है,
जब भी मेरा #महाकाल देता है, 
दिल खोल कर देता है..!


JAI BABA MAHAKAL

मिलावट है भोलेनाथ
तेरे इश्क में इत्र और नशे की
तभी तो मैं थोडा महका हुआ
और थोडा बहका हुआ हूँ.


माथे का तिलक कभी हटेगा नहीं
और जब तक जिंदा हूँ तब तक
#महाकाल का नाम मुँह से मिटेगा नहीं


मिलती है तेरी भक्ति
#महाकाल बड़े जतन के बाद,
पा ही लूँगा #तुझे मे….
शमशान मे जलने के बाद|


ना महीनो की गिनती,
ना सालो का हिसाब है,
मोहब्बत आज भी महाकाल,
आपसे बेहिसाब है….


अकाल मौत वो मरे,
जो काम करे चंडाल का..!
काल भी उसका क्या बिगाड़े,
जो भकत हो #महाकाल का..!

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